गोरेगांव विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में युवा समाजसेवक एवं मुंबई कांग्रेस सचिव सूर्यकांत मिश्रा प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। कांग्रेस की लिस्ट में सूर्यकान्त मिश्रा की जगह युवराज मोहिते का नाम देखकर गोरेगांव विधानसभा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं में नाराजगी फ़ैल गयी।
कार्यकर्ताओं का मानना है कि जो उम्मीदवार पार्टी ने घोषित किया है वह पार्टी का सदस्य भी नहीं है। ऐसे में इन्हें उम्मीदवार बनाया जाना सरासर गलत है। कुछ लोगों का आरोप है कि युवराज मोहिते को पूर्व मुख्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के करीबी होने के कारण टिकट दिया गया।निष्ठावान कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया, जो कई वर्षों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।
सूर्यकांत मिश्रा का कहना है कि उन्होंने दिन-रात पार्टी के लिए काम किया है। कई वर्षों से निष्ठापूर्वक बिना किसी स्वार्थ के जनसेवा में लगे हुए थे। उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उनके कार्यों को देखकर उन्हें टिकट देगी। लेकिन गुटबाजी के चलते कांग्रेस ने अंतिम वक्त में ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया जो कभी जनता के बीच नहीं रहा है।
अब सूर्यकांत मिश्रा को टिकट न मिलने पर कार्यकर्ता एवं उनके समर्थक काफी रोष में है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि सूर्यकांत मिश्रा गोरेगांव के चर्चित चेहरे है, उन्हें टिकट दिया जाता तो उन्हें सर्व समाज का समर्थन प्राप्त होता।
अब देखना यह है, कि कांग्रेस पार्टी ने जो उम्मीदवार घोषित किया है, उसके लिए स्थानीय कार्यकर्ता काम करते है या नहीं? यह अब भी प्रश्नचिन्ह बना हुआ है।