भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों को न्यौछावर कर देनेवाले शहीद भगत सिंह – राजगुरु व सुखदेव के 89वें शहादत दिवस पर देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम में मुंबई उपनगर के मरोल में स्थित रामलीला मैदान में एक विशाल भंडारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का आयोजन शहीद भगत सिंह युवा मंच के द्वारा किया गया था।
इस कार्यक्रम में सहार पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शशिकांत माने, नगरसेवक जगदीश अमीन, शिवसेना उपविभाग प्रमुख सुभाष सावंत, भाजपा के उत्तर पश्चिम जिले के महामंत्री संतोष केलकर, समाजसेवक गोविन्द यादव, युवा पत्रकार व राजनीतिक सलाहकार निखिल हरपुड़े, हिंदुस्तान एक्सप्रेस के मुंबई प्रतिनिधि जितेंद्र यादव, भाजपा के मुंबई उपाध्यक्ष संदीप चौबे, राष्ट्रीय राजभर सेवा संघ के महामंत्री शिवशंकर राजभर व अखिल भारतीय राजभर संगठन के राष्ट्रीय युवाध्यक्ष हरीश राजभर,विधानसभा उपाध्यक्ष विनोद दुबे एवं अन्याय विद्रोही मंच के उपाध्यक्ष हसन आज़मी विशेष रूप से उपस्थित थे।
आयोजन समिति के सदस्य अन्थोनी नाडर ने कहा कि हमारे देश में भंडारा कार्यक्रम बहुत ही श्रद्धा और सेवा भावना से आयोजित किये जाते हैं। इसलिए देश की आजादी की लड़ाई में अपना सब कुछ लुटा देनेवालों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु प्रति वर्ष सार्वजनिक भंडारा जैसे पवित्र कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।इस कार्यक्रम हर धर्म- जाति – भाषा के लोग कार्यक्रम में सहयोग करते हैं।
इस दौरान लगभग 5000 हजार लोगों ने देश के सपूतों के तश्वीरों के समक्ष श्रद्धा सुमन अर्पित किए। 23 मार्च 1931 को लाहौर की जेल में शाम करीब 7 बजकर 33 मिनट पर भगत सिंह और उनके दोनों साथी सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी गई थी। उस दौर में हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के क्रांतिकारियों के द्वारा आजादी की मांग के साथ साथ सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष चरम पर था। इस क्रांतिकारी संगठन के सदस्यों के शौर्य -संघर्ष -शहादत- विचारधारा हमेशा नयी पीढ़ी को राष्ट्रनिर्माण के लिए नई दिशा व प्रेरणा प्रदान करते रहेगी।